तीन महीने तक बिस्तर पर रही, करीबी ने ही दिया था जहर

डेली जमनमत न्यूज डेस्क। लता मंगेशकर का यूं जाना हर किसी के लिए कष्टदायक है। वैसे तो लता जी सभी की पसंदीदा गायक है। लेकिन कहा जाता है ,एक समय ऐसा भी था जब स्वर कोकिला को जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी। उस समय वह महज 33 साल की थी। एक बार इंटरव्यू के दौरान उन्होंने खुद इस बात से पर्दा हटाया था। उन्होंने कहा था कि हमारी फैमली कभी इस बारे में बात नहीं करती क्योंकि यह हमारी जिंदगी का सबसे भयानक दौर था। उन्होंने कहा कि बात 1963  की है। जब मुझे कमजोरी महसूस होने लगी और मैं बेड से भी नहीं उठ पाती थी। हालात तो ये हो गए थे कि मैं खुद से चल भी नहीं सकती थी। 

तीन महीने तक बेड पर रहीं थीं

लता जी ने इंटरव्यू में कई चौकाने वाले खुलासे किए थे। उन्होंने कहा कि उनकी हालत ऐसी थी जिसे वह कभी याद नहीं करना चाहेंगी। उनकी माने तो इलाज के बाद वह धीरे धीरे ठीक हो रहीं थीं। डॉक्टर्स का ट्रीटमेंट और मेरा दृढ़ संकल्प मुझे वापस ले आया। तीन महीने तक बेड पर रहने के बाद मैं फिर से रिकॉर्ड करने लायक हो गई थी। 

जहर देने वाले का पता चल गया था

एक सवाल जो सबके मन में था कि लता जी को नुकसान कौन पहुंचाना चाहता था। इस सवाल के जवाब में लता जी ने कहा था कि मुझे पता था कि कौन मुझे मारना चाहता था। लेकिन हमारे पास उस व्यक्ति के खिलाफ कोई सबूत नहीं था। इसलिए हमने कोई एक्शन नहीं लिया। 

क्या लता जी ने खोई थी अपनी आवाज

लता जी को जहर से मारने पर कई किस्से हैं। जिनमें कहा जाता है कि उन्होंने कुछ महीनों के लिए अपनी आवाज  खो दी थी। डॉक्टरों ने ये तक कह दिया था कि वह कभी दोबारा गा नहीं पाएंगी। उन्होंने सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि ये सच नहीं हैं। डॉक्टर ने कभी मुझसे नहीं कहा था कि मैं गा नहीं पाऊंगी। हमारे फैमली डॉक्टर आर. पी. कपूर मेरा इलाज कर रहे थे। उन्होंने कहा था कि वह मुझे ठीक करके रहेंगे। हालांकि ये पूरी तरह से अफवाह है कि मैने अपनी आवाज खोई थी।  

लता जी के करीबी ने दिया था उन्हें जहर

लता की जहर किसने दिया इसका कोई ठोस सबूत नहीं है। लेकिन कहा जाता है जब लता जी की तबियत खराब हुई तो उनका कुक अचानक फरार हो गया। इसके बाद उसकी कोई जानकारी नहीं मिली। लता जी की सुरक्षा पर अहतियात बरतते हुए उनकी छोटी बहन ऊषा मंगेशकर ने रसोई की जिम्मेदारी अपने हाथों में  ले ली थी।

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