
डेली जनमत न्यूज डेस्क। सुर कोकिला आज हमारे बीच नहीं हैं। उनकी आवाज सदियों तक लोगों के दिलों में राज करेगी। वैसे तो कई किस्से हैं। जो लता जी की सादगी को बयां करते हैं। लता जी के गानों का दिवाना लगभग हर कोई है। लेकिन कभी-कभी प्रशंसक अपने पसंदीदा हस्ती के लिए वो कर देते हैं, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होती है। लता जी के ऐसी ही एक प्रशंसक गौरव शर्मा जो स्वर कोकिला की जीवन के तमाम किस्सों और पन्नों को संग्रहित करने की कोशिश कर रहे हैं।
मेरठ में है लता जी के किस्सों की लाइब्रेरी
मेरठ के फूलबाग कॉलोनी में बना मंजुलता कुंज वो मकान है। जहां पिछले तीस सालों से लता जी के हर किस्से को सजों के रखा गया है। यहां सुबह- शाम लता दी के भजन सुनाई देते है। इस मकान में कदम रखते ही घर की दीवारों, कमरों में सबकी प्रिय लता जी की रेयर तस्वीरें, उनपर लिखी किताबें, कैलेंडर दिखाई देते हैं।
हजारों किताबों-तस्वीरों से भरा है पुस्तकालय
पुस्तकालय में लताजी पर लिखे 5 हजार से अधिक लेख, उनके गानों की 2 हजार से ज्यादा डीवीडी, वीसीआर कैसेट, रिकार्ड्स, सारेगामा कारवां मौजूद है। वहीं यहां पर लता मंगेशकर जी के बारे में लिखी गई 4 हजार किताबें, लता जी के जीवन से जुड़ी लगभग हर पुस्तक, तस्वीरें, दीदी का इत्र, जन्म के समय के सिक्के, उनके हस्ताक्षर, उनकी फिल्मों के पोस्टर, डाक टिकट, लॉबी कार्ड्स, मंगेशकर परिवार के कैलेंडर तक को संभाल के रखा गया है।
स्कूलों में बनाई लता वाटिका
गौरव बताते हैं,वह लता जी को अपना प्रेरणा स्त्रोत मानते हैं। उनकी सादगी उनके व्यहवार से वह बहुत प्रभावित हुए हैं। उन्होंने मेरठ शहर में लता जी के नाम से प्राथमिक विद्यालयों में लता वटिकाएं भी तैयार कराई हैं। अब तक 6 वटिकाएं बना चुके हैं। उनका कहना है कि लता जी से जुड़ी यादों को संरक्षित करने के लिए वह आगे भी ऐसे ही कार्य करते रहेंगे।