
नई दिल्ली। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब में गुरुवार (9 फरवरी) को पीएम मोदी ने धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा बताई। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ सभी पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे, यही सच्ची धर्मनिरपेक्षता है। पीएम मोदी ने सदन में शायराना अंदाज में कहा कि, “कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल, जो भी जिसके पास था उसने दिया उछाल।“
उन्होंने कहा कि अच्छा ही है, जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही खिलेगा। पीएम ने कहा कि हर योजना के जो लाभार्थी हैं उन तक इसका शत-प्रतिशत लाभ कैसे पहुंचे हम इसे सुनिश्चित कर रहे हैं। अगर सच्ची पंथ निरपेक्षता है तो यही है और हमारी सरकार इस राह पर निरंतर आगे बढ़ रही है।
पीएम मोदी का राज्यसभा में संबोधन
पीएम ने कहा कि बीते दशकों में अनेक बुद्धिजीवियों ने इस सदन से देश को दिशा दी है, देश का मार्गदर्शन किया है। इस देश में जो भी बात होती है उसे देश बहुत गंभीरता से सुनता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों का व्यवहार और वाणी न केवल सदन, बल्कि देश को निराश करने वाली है।
पिछली सरकारों पर साधा निशाना
पिछली सरकारों को निशाने पर लेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि लोग समस्याओं का सामना कर रहे थे, लेकिन उनकी प्राथमिकताएं अलग थीं और इसलिए उन्होंने कभी भी समस्याओं का स्थायी समाधान खोजने की कोशिश नहीं की है। हमने पानी की समस्या को हल करने के तरीके खोजे हैं। जल संरक्षण और जल सिंचाई जैसे हर पहलू पर हमने ध्यान दिया है। हमने लोगों को ’कैच द रेन’ अभियान से जोड़ा है।
जन-धन बैंक खातों का किया जिक्र
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि उन्होंने बैंकों का एकीकरण इस इरादे से किया था कि गरीबों को बैंकों का अधिकार मिले, लेकिन इस देश के आधे से अधिक लोग बैंक के दरवाजे तक नहीं पहुंच पाए थे। हमने स्थायी हल निकालते हुए जन-धन बैंक खाते खोले। इसके जरिए देश के गांव तक प्रगति को ले जाने का काम हुआ है।