दक्षिण भारत में मनाया जाता है पोंगल पर्व।

नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्य सभी 12 राशियों का चक्कर लगाने में एक वर्ष का समय लेता है। अपने इस परिक्रमा पथ में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो इस घटना को मकर संक्रान्ति कहा जाता है। सूर्य का मकर राशि में गोचर शीत ऋतु की विदाई एवं बसंत के आगमन का प्रतीक माना जाता है। इसी दिन दक्षिण भारत में पोंगल उत्सव भी मनाया जाता है।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार पृथ्वी की घूर्णन पथ में प्रत्येक वर्ष अंतर आ रहा है। हालांकि यह अंतर बहुत कम है फिर भी लंबे समयांतराल में यह काफी ज्यादा हो जाता है। यही कारण है कि इन दिनों मकर संक्रान्ति का पर्व 14 और 15 जनवरी दोनों दिन मनाया जाने लगा है।

जानिए किस दिन मनाया जाएगा मकर संक्रान्ति का पर्व

ज्योतिषीय गणना के अनुसार सूर्य 14 जनवरी 2023 को रात्रि 8.44 बजे मकर राशि में प्रवेश करेगा। भारतीय परंपरानुसार सुबह के सूर्योदय पर आने वाला पर्व ही माना जाता है। अतः मकर संक्रान्ति 15 जनवरी को मनाया जाएगा। अतः इस पर्व से संबंधित सभी परंपराओं का पालन भी 15 जनवरी 2023 के दिन ही किया जाएगा।

मकर संक्रान्ति पर रहेंगे ये शुभ मुहूर्त 

सूर्य का मकर राशि में प्रवेश : 14 जनवरी 2023 को रात्रि 8.43 बजे

मकर संक्रान्ति का पुण्य कालः 15 जनवरी को प्रातः 6.47 बजे से सायं 5.40 बजे तक

ऐसे करें सूर्य देव की पूजा

इस दिन सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में ही सूर्य की पूजा कर जल से अर्ध्य दें। इसके बाद सूर्यदेव को गुड़, तिल तथा खिचड़ी का भोग लगाएं। उनकी आरती करें तथा प्रसाद वितरित करें। यदि आर्थिक रूप से समृद्ध है तो इस दिन सूर्यदेव के निमित्त यज्ञ तथा अन्य कर्मकांड भी कर सकते हैं।

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