
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक होने पर एक बार फिर बवाल बढ़ गया है। ऐसा होना वाजिब भी है क्योंकि कर्नाटक के हुबली में पीएम मोदी के रोड शो के दौरान एक व्यक्ति अचानक ही दौड़ता हुआ उनके काफी ज्यादा करीब पहुंच गया था।
हालांकि वह युवक प्रधानमंत्री को फूलों की माला पहुंचाना चाहता था लेकिन इस घटना ने एक बार फिर ये सवाल खड़ा कर दिया कि आखिर देश की सबसे काबिल और भरोसेमंद कमांडो से लैस सिक्योरिटी होने के बाद भी उनकी सुरक्षा में चूक कैसे हो गई?
पीएम सुरक्षा कितनी लेयर में होती है
किसी भी देश के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री प्रमुख होते हैं और उनकी सुरक्षा सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। सुरक्षा तंत्र में किसी भी तरह की गड़बड़ी का देश पर भयानक असर पड़ सकता है पीएम के सुरक्षा का जिम्मा स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) का होता है लेकिन जब प्रधानमंत्री किसी दौरे पर होते हैं तो राज्य की पुलिस भी उनके सुरक्षा की जिम्मेदार होती है। आइए भारत में प्रधानमंत्री के सुरक्षा की विभिन्न परतों पर एक नजर डालते हैं।
एसपीजी बॉडीगार्ड
देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा के पहले लेयर में एसपीजी बॉडीगार्ड होते हैं। प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसपीजी यानी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के पास होती है। पीएम के बॉडीगार्ड को शौर्य चक्र, उत्कृष्ट सेवा के लिए 43 राष्ट्रपति पुलिस पदक और सराहनीय सेवा के लिए 323 पुलिस पदक प्रदान किए जाते हैं। पीएम का बॉडिगार्ड यानी एसपीजी का जवान आधुनिक हथियारों जैसे एफएनएफ-2000 असॉल्ट राइफल, स्वचालित बंदूकें और कुछ खतरनाक पिस्तौल जैसे 17-एम से लैस होते हैं।
एसपीजी कमांडो
देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात कमांडो एसपीजी भारत का सबसे खास और स्पेशल फोर्स है, जो प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात होते हैं। एसपीजी की सुरक्षा व्यवस्था पहले पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके निकटतम करीबियों को भी मिलती थी। लेकिन दो साल पहले एसपीजी एक्ट में संशोधन कर दिया गया जिसके बाद सुरक्षा व्यवस्था सिर्फ मौजूदा प्रधानमंत्री को ही मिलती है।
एनएसजी कमांडो
प्रधानमंत्री के सुरक्षा गार्ड की तस्वीरों में आपने काले कपड़ों में हाथ में बंदूक लिए कमांडो को जरूर देखा होगा। यह भारत के प्रधानमंत्री के अलावा, प्रमुख केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर अन्य वीवीआईपी के सुरक्षा में भी तैनात होते हैं। यह भारत के सबसे खतरनाक ‘ब्लैक कैट कमांडो’ होते हैं। पीएम और वीवीआईपी सुरक्षा के अलावा ये कमांडो मुश्किल परिस्थितियों में या देश की सुरक्षा के लिए आतंकी हमले के दौरान भी कई ऑपरेशन को अंजाम देते हैं। इस फोर्स में कुछ चुने हुए जवान होते हैं, जो मुश्किल से मुश्किल परिस्थियों में भी लोगों की जान बचाते हैं।
अर्धसैनिक बल
अर्धसैनिक बल भारत के लिए सुरक्षा खतरों के खिलाफ हमारी रक्षा की पहली पंक्ति के रूप में कार्य करते हैं। इन बलों की ट्रेनिंग साइबर युद्ध, तकनीकी, आंतरिक युद्ध जैसी चुनौतियों के नए रूपों का सामना करने की जाती है, जिससे वे ऐसी किसी भी घटना के लिए तैयार हो सके।
कैसा होता है प्रधानमंत्री का सुरक्षा घेरा?
एसपीजी कमांडो का सुरक्षा घेरा चार स्तर का होता है। पहले लेयर में टीम के पास पीएम के सुरक्षा का जिम्मा होता है। इस टीम में 24 कमांडो तैनात रहते हैं। इन कमांडोज के पास एफएनएस-2000 असॉल्ट राइफल होती है। इसके अलावा उनके पास सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल और दूसरे अत्याधुनिक हथियार होते हैं।प्रधानमंत्री किसी भी जगह की यात्रा के दौरान बुलेट प्रूफ कार में सवार रहते हैं। इस काफिले में 2 आर्मर्ड गाड़ियां चलती हैं। पीएम के साथ चलने वाली 9 हाई प्रोफाइल गाड़ियों के एक एंबुलेंस और जैमर भी होता है। इस काफिले में डमी कार भी चलती है। पीएम के साथ उन कारों और काफिलों में लगभग 100 जवान शामिल होते हैं।
हर दिन 1.17 करोड़ खर्च होते हैं
पीएम की सुरक्षा सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। यही कारण है कि एसपीजी का बजट लगातार बढ़ता जा रहा है। साल 2014-15 में एसपीजी का बजट 289 करोड़ रुपये था। जिसे साल 2015-16 में बढ़ाया गया और 330 करोड़ रुपये कर दिया गया। वहीं साल 2019-20 में उनके बजट को बढ़ाकर 540.16 करोड़ रुपये किया गया है। उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को भी एसपीजी सुरक्षा मिलती थी। यानी इन सबकी सुरक्षा का खर्च देखे तो सालभर में 135 करोड़ रुपये खर्च होते थे। 2021-22 में एसपीजी का बजट 429.05 करोड़ रुपये था। अब सिर्फ पीएम मोदी को ही एसपीजी की सुरक्षा मिलती है। यानी, उनकी सुरक्षा में हर दिन 1.17 करोड़ खर्च होते हैं।