लता मंगेशकर की निजी जिदंगी के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं।

डेली जनमत न्यूज डेस्क। लता जी ने संगीत की दुनिया में अपनी सुरीली आवाज से हजारों गान गाएं हैं। उनके गानों का दिवाना हर कोई है। कई गाने ऐसे है जो आज भी लोगों के पसंदीदा गानों में से एक हैं। उनकी निजी जिदंगी के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। लता मंगेशकर का जन्म 1929 में एमपी के इंदौर में हुआ था। वह एक मराठी परिवार से थीं। उनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशर थे, वहीं मां का नाम शेवंती थे। लता से पहले उनका नाम हेमा था । कहा जाता है लता के माता-पिता ने एक मराठी नाटक से प्रेरित होकर उनका नाम हेमा से लता रख दिया था। 

छोटी सी उम्र में गाने लगी थीं गाने 

लता मंगेशकर का बचपन कठनाईयों में बीता है। जब वह 13 साल की थी । तभी उनके सिर से पिता का साया उठ गया था। उनके पिता की दिल की बीमारी से उनका निधन हो गया था। पिता के निधन के बाद परिवार की जिम्मेदारी लता के कंधों पर आ गई। लता घर में सबसे बड़ी थी। उनके चार छोटे भाई- बहन आशा, ऊषा, हृदयनाथ और मीना थे। अपने परिवार को पालने के लिए लता जी ने पढ़ाई छोड़ गाना शुरु किया था। 

छोटी बहन ने बयां की दीदी के स्ट्रगल की कहानी

लता मंगेशकर की स्ट्रगल की कहानी खुद उनकी छोटी बहन मीना ने बताई थी। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था, कि दीदी ने बहुच दुख झेले हैं। 12 साल की उम्र में उन्होंने इतना कुछ देख लिया था। उनके ऊपर छोटी से उम्र में हमारी जिम्मेदारी आ गई थी। दीदी के साथ मेरा रिश्ता बहन का नहीं मां बेटी का था। मैं बचपन से उसके साथ सांए की तरह घूमती थी। मैं दीदी से सिर्फ दो साल छोटी हूं। जब मेरे बाबा गए तब वो 12 साल की थीं। मैं 10 साल की थी। 

इंदौर के घर में बन गया है शोरुम

लता जी ने अपना बचपन इंदौर के सिख मोहल्ले में बिताया है। हालांकि वह परिवार के साथ जल्द ही महाराष्ट्र आ गई थी। वह इंदौर में महज सात साल की उम्र तक रही । जिस घर में लता जी रहती थी। आज वहां मेहता परिवार रहता है। मेहता परिवार ने घर के बाहरी हिस्से में कपड़े का शोरूम खोल लिया है। यह परिवार लताजी की देवी की तरह पूजा करता है। शोरूम खोलने से पहले वे हर दिन उनका आशीर्वाद लेते हैं। उन्होंने शोरूम के एक हिस्से में लताजी का म्यूरल बनवाया है।

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