जानिए व्रत रखने का क्या है महत्व।

नई दिल्ली। इस साल विजया एकादशी का व्रत दो दिन पड़ रहा है। 16 फरवरी दिन गुरुवार और 17 फरवरी दिन शुक्रवार को विजया एकादशी व्रत है। ऐसे में समस्या यह हो गई है कि विजया एकादशी का व्रत 16 फरवरी को रखा जाए या 17 फरवरी को। इस तरह के एकादशी व्रत में एक स्मार्त एकादशी होती है और दूसरी वैष्णव एकादशी। विजया एकादशी व्रत गृहस्थों को किस दिन रखना चाहिए. उनके लिए पारण का समय और पूजा मुहूर्त क्या होगा?

विजया एकादशी 2023 दो दिन

ज्योतिषाचार्यों अनुसार, 17 फरवरी को विजया एकादशी व्रत की तिथि तड़के 02 बजकर 49 मिनट पर ही खत्म हो जा रही है, लेकिन सूर्योदय के समय हरि वासर की मौजूदगी विजया एकादशी व्रत को दो दिन कर रहा है। ऐसे में 16 फरवरी को विजया एकादशी स्मार्त और 17 फरवरी को विजया एकादशी वैष्णव है। पंचांग के आधार पर देखा जाए तो फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी ति​थि 16 फरवरी को प्रातः 05ः32 से प्रारंभ होकर 17 फरवरी को तड़के 02ः49 एएम पर खत्म हो रही है। ऐसे में उदयातिथि को मानते हुए विजया एकादशी व्रत 16 फरवरी को होना चाहिए, लेकिन 17 फरवरी को हरि वासर सुबह 08ः01 बजे खत्म हो रहा है।

गृहस्थ 16 फरवरी को रखें विजया एकादशी व्रत

विजया एकादशी स्मार्त व्रत गृहस्थों के लिए होता है। गृहस्थों को 16 फरवरी को ही विजया एकादशी व्रत रखना चाहिए और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। तब भी एकादशी व्रत दो दिन होता है तो पहला दिन गृहस्थों के लिए होता है और दूसरा वैष्णवजन के लिए।

पूजा मुहूर्त और पारण

16 फरवरी को जो लोग विजया एकादशी व्रत रखेंगे, वे सुबह में पूजा पाठ कर लेंगे और 17 फरवरी को हरि वासर खत्म होने के बाद पारण कर लेंगे। उस दिन गृहस्थों के लिए पारण का समय सुबह 08ः01 बजे से लेकर 09ः13 बजे तक है।

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