सीमेंस हेल्थीनीयर्स के साथ हुआ करार।

नई दिल्ली। देश में मेडिकल सुविधाएं आज भी काफी महंगी है। अगर घर-परिवार में कोई भी सदस्य बीमार पड़ता है, तो बड़े-बुजुर्गो के दिमाग में सबसे पहले एक ही ख्याल आता है, कि अब अस्पताल और डॉक्टर के भारी खर्चे का इंतजाम करना होगा। 

साथ ही डॉक्टर मरीज की एमआरआई रिपोर्ट कराने का बोल दें, तो मानो तकलीफ और बढ़ जाती है। सिर्फ एमआरआई रिपोर्ट ही इतनी महंगी होगी, जितने में बाकी सारे टेस्ट हो जाते है। लेकिन अब इससे राहत मिलने की उम्मीद दिखाई दे रही है। केंद्र की मोदी सरकार ने सस्ती एमआरआई उपलब्ध कराने के लिए एक समझौता किया है। जिसकी मदद से अब भारत में ही स्वदेशी एमआरआई मशीनें बनाई जा सकेंगी। और देश की जनता को सस्ती एमआरआई की सुविधा मिल सकेगी। 

सीमेंस हेल्थीनीयर्स के साथ हुआ करार

केंद्र सरकार के ने के साथ मिलकर इस संबध में समझौता किया है। इसमें सीमेंस हेल्थीनीयर्स  के साथ मिलकर समझौता हुआ है। इसमें कहा गया है कि देश में ही स्वदेशी एमआरआई मशीन बनाई जाएगी। जिससे लोगों को फायदा मिल सकेगा। भारत में गरीब जनता के लिहाज से एमआरआई की फीस काफी ज्यादा है, लेकिन अब उन्हें इससे राहत मिल सकेंगी।

स्वदेशी एमआरआई से मिलेगी सस्ती रिपोर्ट 

स्वदेशी एमआरआई से हर भारतीय को फायदा मिलेगा। साथ ही सस्ता इलाज कराने में लाभ मिलेगा। राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा-निर्देश से देश की गरीब जनता को सस्ता इलाज और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। 1500 करोड़ से ज्यादा का मैन्यूफ़ैक्चरिंग यूनिट के लिए खर्च करने जा रही है। 

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