#kanpur: मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद बुजुर्गों की रोशनी जाने के बाद डॉक्टरों पर मुकदमा दर्ज//djn
कानपुर। कानपुर के मोतियाबिंद से छह लोगों की रोशनी जाने के मामले में दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। इस मामले में डॉक्टर और एजेंट को दोषी पाया गया है। वहीं, हैलट अस्पताल में सभी पीड़ितों का परीक्षण किया गया। माना गया कि लापरवाही क चलते दो लोगों की आंख में पस पड़ गया था। मामले को संज्ञान में लेते हुए सीएमओ ने कार्रवाई के आदेश दिये थे।
कानपुर के दक्षिण में आराध्या नर्सिंग होम की तरफ से मोतियाबिंद ऑरेशन का कैंप लगाया गया था। जिसमें तकरीबन 18 लोगों ने ऑपरेशन कराया था। जिसमें छह लोगों की आंख की रोशनी चली गई थी। जिसमें शिवराजपुर के सुघरदेवा के छह बुजुर्ग और गुडरा गांव के दो बुजुर्ग शामिल हैं। मामले को संज्ञान में लेते हुए सीएमओ डॉ. आलोक रंजन ने पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दे दिए थे। जांच हैलट अस्पताल के वरिष्ट नेत्र विशेषज्ञ को सौंपी गई थी। इस मामले में ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर और कैंप के संचालक को दोषी पाते हुए उनपर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। अंतरिम जांच रिपोर्ट में मेडिकल नेगलिजेंस का केस माना गया है।
जानिए क्या है पूरा मामला
कानपुर में बर्रा के आराध्या आई सेंटर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद छह लोगों की आंखों की रोशनी जाने के मामले में बड़ी लापरवाही सामने आई थी। आरोप है कि ऑपरेशन करने के पांच घंटे के अंदर ही मरीजों को घर भेज दिया गया। ऑपरेशन कराने वाले चार रोगियों की आंखों में बुरी तरह सड़न पैदा हो गई है। संक्रमण की वजह से उनकी कार्निया गल कर सफेद हो गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार को रोगियों की जांच जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग में कराई। रोगियों की आंखें संक्रमण के कारण खराब हुई हैं। परीक्षण के बाद नेत्र रोग विभाग के डॉक्टर संक्रमण खत्म करने में जुटे गए जिससे पुतली बाहर न निकालनी पड़ी। दो रोगियों की आंखों में कार्निया थोड़ी बची हुई है, जिससे उसमें सुधार की कोशिश की जा रही है। पांच रोगियों को हैलट में भर्ती कर लिया गया था। एक रोगी क्षेत्रीय डॉक्टर से इलाज कराने की बात कहकर वापस लौट गई।
